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    रति अग्निहोत्री के बेटे ने अपने दम पर बनाई पहचान:तनुज बोले- रणबीर कपूर जैसे रोल नहीं मिलते, इसका मतलब ये नहीं कि मैं काम ना करूं

    1 month ago

    वेटरन एक्ट्रेस रति अग्निहोत्री के बेटे तनुज विरवानी अपनी मेहनत और दमदार परफॉर्मेंस से वेब सीरीज की दुनिया में खास जगह बना चुके हैं। जल्द ही वह ‘राणा नायडू' के दूसरे सीजन में दिखेंगे। अपनी नई भूमिका, करियर के उतार-चढ़ाव और स्टार किड होने के टैग पर उन्होंने खुलकर बात की। पढ़िए बातचीत का प्रमुख अंश- सवाल- ‘राणा नायडू' के दूसरे सीजन में जुड़ने की वजह क्या रही? जवाब- मैं इस शो से इसलिए जुड़ा क्योंकि करण अंशुमन, जो हमारे शो रनर और पहले सीजन के को-डायरेक्टर भी हैं, उनके साथ मैंने पहले ‘इनसाइड एज' के तीनों सीजन पर काम किया है। हमारी अच्छी जान-पहचान है। जब वो सीजन 2 के लिए स्क्रिप्ट डेवलप कर रहे थे, तो हम मिले और उन्होंने मुझसे कहा कि एक बहुत मस्त कैरेक्टर है जो मुझ पर सूट होगा। मैं पहले सीजन का बहुत बड़ा फैन हूं, मुझे इस तरह के मार-धाड़ वाले शोज बहुत पसंद हैं। फिर हम मिले, उन्होंने मुझे नैरेट किया और मुझे बहुत अच्छा लगा। हमारे बीच एक अच्छी क्रिएटिव ट्यूनिंग भी है। तो मैंने तुरंत हां कह दिया। मेरे कैरेक्टर का नाम चिराग ओबेरॉय है। कृति खरबंदा और मैं इसमें भाई-बहन के रूप में नजर आएंगे, जो कि काफी अलग डायनेमिक है। रजत कपूर हमारे पिताजी के रोल में हैं। हमारी कुछ बिजनेस डीलिंग्स हैं, जिनको ठीक करने के चक्कर में हम राणा की जाल में फंस जाते हैं। आगे क्या होता है, यह शो में देखने लायक होगा। सवाल- वेंकटेश और राणा दग्गुबाती के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा? जवाब- अरे, पहले दिन का मेरा शूट वेंकटेश सर के साथ ही था। पहले तो वो नहीं जानते थे कि मेरी मम्मी उनकी को-स्टार रह चुकी हैं। जब उन्हें पता चला, तो उन्होंने मुझे डांटा कि मैंने उन्हें पहले क्यों नहीं बताया। उनके साथ काम करने में बड़ा मजा आया। राणा के साथ भी काम करके बहुत अच्छा लगा। उनका कैरेक्टर बहुत मुश्किल है क्योंकि इतने सारे कलरफुल कैरेक्टर्स शो में आते-जाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने जिस कंसिस्टेंसी के साथ अपना किरदार निभाया है, वह अमेजिंग है। सेट पर हम इम्प्रोवाइज भी करते थे। कैमरा रोलिंग के बाहर वो बड़े शौकीन बंदे हैं, उनका सेंस ऑफ ह्यूमर भी बहुत अच्छा है। कृति के साथ भी मेरे संबंध बहुत अच्छे हैं और रजत कपूर को तो मैं पहले से जानता हूं। सवाल- इस शो के लिए आपने कुछ खास तैयारी की? पिछले काम से अलग बनाने के लिए कुछ नया किया? जवाब- इसमें मैं एक सपोर्टिंग किरदार में नजर आऊंगा। जब आप मेन लीड होते हैं, तो जिम्मेदारी ज्यादा होती है और एक्सपेरिमेंट करने का मौका थोड़ा कम मिलता है। यहां क्योंकि राणा और वेंकटेश सर दोनों हैं, तो मुझे एक्सपेरिमेंट करने का बड़ा मौका मिला। मैंने कोशिश की है कि मेरे डायलॉग्स का अंदाज थोड़ा अलग हो। मैंने अपने तीनों डायरेक्टर्स के साथ डिस्कस किया कि मुझे यह किरदार कैसा लगता है। मैं साउथ बॉम्बे में रहता हूं, और वहां के कई बच्चों के बोलने का अंदाज थोड़ा अलग होता है। वे थोड़ा धीरे-धीरे बात करते हैं और उनका एक अलग सा एक्सेंट होता है। तो मैंने उनके एक्सेंट को थोड़ा इम्प्लिमेंट करके इस किरदार में पेश किया है। चलने का ढंग और कुछ मैनरिज्म भी मैंने इसमें डाले हैं। ऐसे क्रिएटिव लोगों के साथ काम करने में मजा आता है जहां आप अपनी क्रिएटिविटी को एक्सप्रेस कर सकें। सवाल- वेब सीरीज आपके करियर को किस तरह से प्रभावित कर रही हैं? जवाब- जब 2013 में मैंने एक्टर बनने का फैसला किया, तब वेब सीरीज का इतना चलन नहीं था। उस वक्त फिल्म और टीवी ही मुख्य माध्यम थे। मैं फिल्मों में काम करना चाहता था, लेकिन शुरुआती फिल्में नहीं चलीं। फिर मैंने इनसाइड एज के लिए ऑडिशन दिया। तब कई लोगों ने कहा कि ये ओटीटी और वेब सीरीज क्या है, लेकिन मुझे लगा कि अगर अमेजन और एक्सेल जैसे बड़े नाम इससे जुड़े हैं और ऋचा चड्ढा, विवेक ओबेरॉय जैसे कलाकार इसमें काम कर रहे हैं, तो कुछ खास जरूर होगा। मैंने चांस लिया और वायु राघवन का किरदार लोगों को काफी पसंद आया। शो तीन सीजन तक चला। इसके बाद फिल्मों में भी मौके मिलने लगे। अभी मैं रियलिटी टीवी शो होस्ट कर रहा हूं। मेरे लिए सबसे जरूरी बात यह रही कि मैंने कभी खुद को एक ही फॉर्मेट तक सीमित नहीं किया। मैं मानता हूं कि नए एक्टर्स को तय नहीं करना चाहिए कि सिर्फ फिल्म करेंगे या सिर्फ वेब। जब आप फ्लेक्सिबल रहते हैं, तो नए दरवाजे अपने आप खुलते हैं। और आखिरकार, हम ऑडियंस के लिए काम करते हैं—उनकी पसंद सबसे जरूरी है। सवाल- आपका अपना एफर्ट क्या रहता है कि खुद को मेनस्ट्रीम में कन्वर्ट करें और लीडिंग रोल्स चुनें? जवाब- मैं इस तरह से नहीं देखता। जब मैं इंडस्ट्री में नया-नया आया था, तो मुझे लगता था कि मुझे सिर्फ हीरो बनना है लेकिन समय के साथ मैं समझ गया कि जब आप एक अच्छे प्रोजेक्ट से जुड़ जाते हैं, चाहे आप मेन लीड में न हों, तो भी आप अपनी परफॉर्मेंस से स्टैंड आउट हो सकते हैं। जब मेरी फिल्में नहीं चलीं, तो मैंने अपना देखने का नजरिया थोड़ा चेंज कर दिया। ऑफ कोर्स, मैं अभी भी लीड रोल्स में नजर आऊंगा, चाहे वो फिल्म्स में हों या वेब सीरीज में। जैसे मेरी एक नई फिल्म आ रही है, विजय राज के साथ ‘जॉनी जम्पर', जिसमें मैं टाइटल कैरेक्टर में हूं। वेब सीरीज की दुनिया में भी मेरा एक नया शो है ‘डोमेस्टिक एंटी टेररिज्म यूनिट' (DATU), जिसमें मैं मेन लीड में नजर आऊंगा। तो मैं अभी प्रोजेक्ट के हिसाब से देखता हूं - बैनर, प्रोडक्शन हाउस, को-स्टार्स और रोल कैसा है। सवाल- स्टार किड वाला टैग आपके मामले में उतना स्ट्रॉन्गली क्यों नहीं दिखता? जवाब- ईमानदारी से कहूं तो मैं खुश हूं कि मेरे नाम के साथ 'स्टार किड' का टैग नहीं जुड़ा। आज कई स्टार किड्स के पास सपोर्ट सिस्टम होते हुए भी वे इंडस्ट्री में नहीं टिक पा रहे। अगर लंबी रेस का घोड़ा बनना है, तो जो भी काम मिले, उसका सही इस्तेमाल जरूरी है। रणबीर कपूर या रणवीर सिंह जैसे रोल नहीं मिलते, तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं काम ना करूं। अगर धर्मा की फिल्म में सपोर्टिंग रोल भी कर रहा हूं, तो अपनी मेहनत से कर रहा हूं। वेब सीरीज में मैं लीड भी कर रहा हूं और सपोर्टिंग भी। आज कई बड़े स्टार्स घर बैठे हैं। कई स्टार किड्स पिछले 5-10 साल से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो पाए। मेरी मां एक समय मेन लीड थीं, लेकिन उनका दौर अलग था। अगर मैं उन्हीं पुरानी बातों में अटका रहूं, तो डिप्रेशन में चला जाऊं। मां हमेशा सपोर्ट करती हैं। वो मेरी मां ही नहीं, मेरी बेस्ट फ्रेंड भी हैं। लेकिन मैंने तय किया था कि काम खुद के दम पर करूंगा और खुद ही अपने कॉन्टैक्ट्स बनाऊंगा। सवाल- कोई ऐसा रोल या किरदार जिसने आपको सबसे ज्यादा संतुष्टि दी हो? जवाब- ‘इनसाइड एज' में वायु राघवन का किरदार निभाकर मुझे काफी सैटिस्फैक्शन मिली है। ‘कार्टेल' जो शो था, उसमें भी मुझे बहुत मजा आया। वह काफी टफ शूट था। मुझे उस शो के लिए काफी अप्रिशिएशन मिला और मैं डेफिनेटली हिस्टोरिकल प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना चाहूंगा। आज तक मुझे हिस्टोरिकल में काम करने का मौका नहीं मिला है, तो उम्मीद है कि वह भी मेरी तमन्ना पूरी हो जाएगी।
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