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    क्या सच में मंदी की कगार पर पहुंच चुकी है रूस की इकोनॉमी? अर्थव्यवस्था मंत्री ने दे दी चेतावनी

    2 days ago

    Russia Economy: रूस की इकोनॉमी मंदी की कगार पर पहुंच चुकी है. गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में इकोनॉमी मिनिस्टर मैक्सिम रेशेतनिकोव ने इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो मंदी को टालना मुश्किल होगा. 

    रूस ने की ब्याज दरों में कटौती 

    साल 2022 के बाद रूस ने इसी महीने ब्याज दरों में कटौती की है. इससे उधार लेने की लागत 21 परसेंट से घटकर 20 परसेंट हो गई है. इसका मकसद उधार लेने की लागत कम कर निवेश को बढ़ावा देना है. हालांकि, यह अभी भी कुछ खास कम नहीं है इसलिए कारोबारी लोन लेने से कतरा रहे हैं.

    यहां पिछले कई महीनों से ब्याज दर अधिक होने के चलते निवेश में कमी आई है, जिससे आर्थिक विकास की रफ्तार सुस्त हो गई है. इसी दौरान सेंट्रल बैंक की गवर्नर एल्विरा नबीउलिना ने कहा कि यहां व्यवसायों के जिस तरह के हालात बने हुए हैं उससे लगता है कि हम पहले से ही मंदी की कगार पर है. 

    रूस के सबसे बड़े बैंक, सर्बैंक के पहले डिप्टी सीईओ अलेक्जेंडर वेड्याखिन ने इस हफ्ते रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा, रूस की सख्त मौद्रिक नीति यहां की अर्थव्यवस्था के लिए मंदी का जोखिम पैदा कर रही है. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए 12-14 परसेंट तक की ब्याज दर कामगर साबित हो सकती है. 

    रूस में मंदी की यह भी बड़ी वजह

    रूस में मंदी की दूसरी सबसे बड़ी वजह है यूक्रेन के साथ जंग. इससे यहां महंगाई काफी बढ़ गई है. दोनों देशों के बीच पिछले तीन साल से तनाव का माहौल है. इसी जंग के चलते ही ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं, ताकि महंगाई काबू में रहे. लेकिन बावजूद इसके 2024 में यहां महंगाई 9.5 परसेंट और 2025 में 9.8 परसेंट के करीब बनी हुई है. आलू-प्याज से लेकर बाकी सब्जियों अंडों के दाम भी बढ़ गए हैं. युत्र के चलते कई नागरिक देश छोड़कर जा रहे हैं. इससे लेबर की भारी कमी हो गई है. बेहतर अवसरों की भी तलाश में लोग पलायन कर रहे हैं. इससे प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है.  

    डिफेंस पर है रूस का ज्यादा फोकस 

    यूक्रेन से जंग के चलते रूस ने 2023 में डिफेंस पर अपने खर्च को बढ़ाकर दोगुना कर दिया. 2024 में भी रूस ने डिफेंस बजट बढ़ाया और 2025 में भी रूस की संसद ड्यूमा ने 10 लाख 67 हजार करोड़ रुपये (126 बिलियन डॉलर) के डिफेंस बजट को मंजूरी दे दी. अब जाहिर सी बात है कि बजट का ज्यादातर हिस्सा रक्षा क्षेत्र पर खर्च होगा, तो शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बुनियादी चीजों के लिए पैसे कम बचेंगे. 

    एक्सपोर्ट से रेवेन्यू हुआ कम 

    इसके अलावा, यूक्रेन पर हमला करने की वजह से 2024 तक रूस पर 45 से अधिक देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है. चूंकि, रूस की इकोनॉमी तेल और गैस के एक्सपोर्ट पर बहुत ज्यादा निर्भर है इसलिए इन प्रतिबंधों की वजह से रूस की इकोनॉमी को नुकसान पहुंचा है क्योंकि एक्सपोर्ट से मिलने वाले रेवेन्यू में कमी आ रही है.

    2023 में रूस का एक्सपोर्ट 2018 के मुकाबले 436 बिलियन डॉलर से घटकर 394 बिलियन डॉलर हो गया. 2024 में भी रूस का एक्सपोर्ट एक साल पहले के मुकाबले में 1.72 परसेंट कम रहा. मई 2025 में, तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात से रूस का रेवेन्यू अप्रैल के मुकाबले 0.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर कम होकर 12.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया. यह मई 2024 के मुकाबले 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर कम है.  

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