These terms and conditions apply to the News Hunt app (hereby referred to as "Application") for mobile devices that was created by (hereby referred to as "Service Provider") as an Ad Supported service.
Upon downloading or utilizing the Application, you are automatically agreeing to the following terms. It is strongly advised that you thoroughly read and understand these terms prior to using the Application. Unauthorized copying or modification of the Application, any part of the Application, or our trademarks is strictly prohibited. Any attempts to extract the source code, translate the Application into other languages, or create derivative versions are not permitted. All intellectual property rights remain the property of the Service Provider.
The Service Provider is dedicated to ensuring the Application is as beneficial and efficient as possible. They reserve the right to modify the Application or charge for services at any time and for any reason. Any such charges will be clearly communicated.
The Application stores and processes personal data provided by you. You are responsible for maintaining the security of your device and access to the Application. Jailbreaking or rooting your device is strongly discouraged as it may compromise security and application performance.
Third-Party Services
The Application uses third-party services that have their own Terms and Conditions. Refer to the following links:
Google Play Services
AdMob
Google Analytics for Firebase
Firebase Crashlytics
Limitations and Responsibilities
Some Application functions require an internet connection (Wi-Fi or mobile data). The Service Provider is not responsible if the Application does not function fully due to lack of access or depleted data. If using the Application outside a Wi-Fi area, you accept responsibility for any charges incurred, including roaming fees. If you are not the bill payer, it is assumed you have obtained permission.
It is your responsibility to keep your device charged. The Service Provider is not responsible if the device is unavailable due to a drained battery.
While the Service Provider strives to keep the Application updated and accurate, they rely on third-party data and do not accept liability for losses caused by reliance on Application functionality.
Updates and Termination
The Application may be updated to remain compatible with the operating system. You agree to install updates as offered. The Service Provider may discontinue the Application at any time without notice. Upon termination:
Rights and licenses granted to you will end.
You must stop using the Application and delete it from your device.
Changes to These Terms and Conditions
The Service Provider may update these Terms and Conditions periodically. Please review this page regularly. Changes will be posted on this page.
Effective Date: 2025-05-19
Contact Us
If you have questions or suggestions about the Terms and Conditions, contact the Service Provider at: 📧 info@infinitietech.com
We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to
use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.
आशा पारेख एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने अपनी अदा, डांस और एक्टिंग से लाखों लोगों के दिल जीते। उन्होंने लगभग 100 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया, जिनमें मेरे सनम, तीसरी मंजिल, लव इन टोक्यो, उपकार और कन्यादान जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। इसी कारण वे अपने समय की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में से एक थीं। सिर्फ एक्टिंग ही नहीं, उन्होंने टीवी सीरियल्स को डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया। फिल्मों में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार जैसे सम्मान दिए। आज आशा पारेख के बर्थडे के खास मौके पर आइए उनकी जिंदगी को करीब से छूते हैं- आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को मुंबई के सांताक्रूज इलाके में हुआ। उनके पिता गुजराती हिंदू और मां बोहरा मुस्लिम थीं। हालांकि उनकी मां सलमा उर्फ सुधा पारेख ने शादी के बाद हिंदू धर्म अपना लिया था। उनकी मां ने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था। जब आशा पारेख उनके पेट में थीं, तब भी उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और जेल भी गईं। बचपन में डॉक्टर बनना चाहती थीं आशा पारेख आशा पारेख बचपन में डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन एक ट्रेन हादसा देखने के बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया। उन्हें डांस से भी खास लगाव था। फेमस एक्टर प्रेमनाथ उनके टैलेंट से प्रभावित हुए और उन्हें कथक गुरु मोहनलाल पांडे के पास भेजा। एक स्टेज कार्यक्रम के दौरान डायरेक्टर बिमल रॉय ने आशा पारेख को देखा और उन्हें अपनी फिल्म मां (1952) में चाइल्ड आर्टिस्ट का रोल दिया। हालांकि फिल्म बाप-बेटी की असफलता के बाद उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान देने का फैसला किया। इसके बाद 16 साल की उम्र में उन्होंने फिर से फिल्मी दुनिया में कदम रखा। विजय भट्ट की फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ में उन्हें यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया कि वो स्टार मटेरियल नहीं हैं, लेकिन किस्मत ने जल्द ही करवट बदली। महज आठ दिन बाद प्रोड्यूसर नासिर हुसैन और सुबोध मुखर्जी ने उन्हें दिल देकर देखो (1959) में शम्मी कपूर के साथ कास्ट किया। फिल्म सुपरहिट हुई और आशा पारेख रातों-रात स्टार बन गईं। इसके बाद उन्होंने जब प्यार किसी से होता है, घराना, जिद्दी, मेरे सनम, तीसरी मंजिल, लव इन टोक्यो, आए दिन बहार के, उपकार, कटी पतंग, कारवां, मेरा गांव मेरा देश, हीरा और मैं तुलसी तेरे आंगन की जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। क्रिटिक्स उन्हें ‘ग्लैमरस गर्ल’ कहते थे और उन्हें लगता था कि वे अच्छी एक्टिंग नहीं कर सकतीं, लेकिन फिल्म दो बदन में उनकी एक्टिंग को क्रिटिक्स ने बहुत पसंद किया। 1960 और 70 के दशक में बॉक्स ऑफिस पर उनकी लगातार हिट फिल्मों को देखते हुए उन्हें ‘जुबली गर्ल’ कहा जाने लगा। आशा पारेख का निजी जीवन आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की। साल 2017 में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि उनके लिए अच्छी शादी करना, सिर्फ शादी करने से ज्यादा मायने रखता है क्योंकि वे केवल नाम के लिए शादी नहीं करना चाहती थीं। अपनी आत्मकथा में आशा पारेख ने यह स्वीकार किया कि उनका रिश्ता फिल्ममेकर नासिर हुसैन के साथ था। हुसैन की शादी आयशा खान से हुई थी और उनके दो बच्चे थे। आशा पारेख उन्हें अपना इकलौता प्यार मानती हैं, लेकिन उन्होंने शादी का फैसला इसलिए नहीं किया, क्योंकि वे किसी का घर तोड़ने वाली नहीं बनना चाहती थीं और न ही उनके बच्चों को दुख पहुंचाना चाहती थीं। आशा पारेख ने यह भी बताया कि उनके और हुसैन परिवार के बीच कभी कोई कड़वाहट नहीं रही। उनके बच्चे नुसरत और इमरान, उनकी किताब के लॉन्च पर भी मौजूद थे। नासिर हुसैन के 2002 में निधन के बाद पारेख ने याद किया कि उनकी उनसे आखिरी साल में ज्यादा बातचीत नहीं हुई थी, क्योंकि वे लोगों से दूर हो गए थे, लेकिन निधन से पहले दोनों ने बात की थी। वहीं, आशा पारेख अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय प्रोफेसर से भी शादी करने वाली थीं। प्रोफेसर ने बताया था कि उनकी पहले से एक गर्लफ्रेंड है तो शादी नहीं हो पाई। मां की सलाह पर आशा पारेख ने अरेंज मैरिज करने की सोची, लेकिन उन्हें सही व्यक्ति नहीं मिला और फिर धीरे-धीरे शादी का विचार ही उनके मन से निकल गया। आशा पारेख से मिलने के लिए शशि कपूर ने बुर्का पहना था कश्मीर में आशा पारेख फिल्म ‘मेरे सनम’ की शूटिंग कर रही थीं। वहीं, एक्टर शशि कपूर फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ की शूटिंग कर रहे थे। उस वक्त आशा पारेख टॉप हीरोइन थीं और शशि कपूर बड़े स्टार नहीं थे। शूटिंग के दौरान शशि कपूर, फिल्म की को-एक्ट्रेस शम्मी से कहते थे, "कुछ करो, मुझे आशा को झप्पी देनी है।" इस पर शम्मी ने प्लान बनाया कि शशि कपूर बुर्का पहनकर औरतों का भेष बनाकर आशा से मिल सकते हैं। शशि कपूर के साथ एक और शख्स भी तैयार हुआ और दोनों ने बुर्का पहना। वे शम्मी के साथ आशा पारेख के कमरे में पहुंचे। आशा ने बड़े अदब से कहा, "आइए, बैठिए।" तभी फोन आया और वे दूसरे कमरे में चली गईं। इस दौरान शम्मी ने शशि से कहा, "जैसे ही वो लौटेंगी, तुम झप्पी दे देना।" फिर जब आशा कमरे में लौटीं, तो उन्हें कुछ शक हुआ। पकड़े जाने से पहले शशि नीचे निकल गए और बुर्का उतारते हुए बोले, "ये तो मैं हूं!" जिस पर आशा ने कहा, "वेरी बैड, ऐसे नहीं करना चाहिए।" आशा पारेख, शम्मी कपूर को प्यार से चाचा कहकर बुलाती थीं। हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब दोनों की शादी की अफवाहें भी उड़ी थीं। आशा पारेख ने अरबाज खान के शो 'द इनविंसिबल्स सीरीज' में शम्मी कपूर से जुड़ी शादी की अफवाह के बारे में बताया था। उन्होंने कहा- महाबलेश्वर में शूटिंग चल रही थी और अचानक फिल्म प्रोड्यूसर ओम प्रकाश ने मजाक में कह दिया कि शम्मी कपूर और आशा पारेख की शादी हो गई है। इसके बाद देर रात नासिर हुसैन के यहां पार्टी हुई। सभी लोग इस अफवाह पर चुपचाप फुसफुसा रहे थे। शम्मी कपूर ने वहां कहा, “हां, हम शादीशुदा हैं।” देवयानी जी ने यह सुन लिया। आशा पारेख ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ऐसा हो रहा है। शम्मी ने उनसे कहा था कि कुछ मत बोलो। उन्होंने मजाक में कहा कि यह एक प्रैंक है। उस समय शम्मी कपूर किसी और के साथ अफेयर में थे। आशा पारेख को बोरियों में फैंस के लेटर आते थे अपनी फैन फॉलोइंग के बारे में फिल्मफेयर को 2017 में दिए इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था कि उन्हें अक्सर बोरियों में फैंस के लेटर मिलते थे। हालांकि एक फैन ने हद कर दी थी। एक चीनी फैन उनके घर के गेट के पास हमेशा खड़ा रहता था और उनके आने-जाने पर नजर रखता था। इस घटना से आशा पारेख डर गई थीं और जब भी गाड़ी घर के गेट के अंदर आती, मैं उसमें छिप जाती थी। जब पड़ोसियों ने उसे डांटा, तो उसने चाकू दिखाकर धमकी दी कि वह उनसे शादी करने आया है। इसके बाद आशा पारेख ने पुलिस कमिश्नर को बुलाया। जिसके पुलिस उसे आर्थर रोड जेल ले गई। माता-पिता की मौत से टूटीं, आत्महत्या करने का सोचा आशा पारेख के लिए फिल्म इंडस्ट्री के उतार-चढ़ाव नहीं, बल्कि माता-पिता की मौत बड़ा झटका थी। 2017 में PTI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “वह मेरे लिए बहुत बुरा समय था। मैंने अपने माता-पिता को खो दिया। मैं बिल्कुल अकेली रह गई और सब कुछ खुद ही संभालना पड़ा। इससे मैं डिप्रेशन में चली गई। मुझे बहुत बुरा लगने लगा और मेरे मन में आत्महत्या जैसे विचार भी आए। फिर मैंने खुद को संभाला। यह एक संघर्ष था, जिसके लिए मुझे डॉक्टरों की मदद लेनी पड़ी।” सेंसर बोर्ड की पहली महिला चेयरपर्सन बनीं 1998 से 2001 तक आशा पारेख सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) की पहली महिला चेयरपर्सन बनीं। जब आशा पारेख ने CBFC का दायित्व संभाला, तो उन्हें कई विवादों का सामना करना पड़ा। सबसे पहला विवाद दीपा मेहता की फिल्म फायर (1996) को लेकर हुआ। यह फिल्म पहले विदेशों में दिखाई गई और कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराही गई। भारत में इसे दो साल बाद रिलीज किया गया। फिल्म को लेकर लोगों ने विरोध किया और कहा कि यह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। आशा पारेख ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि फिल्म में दो महिलाओं के बीच प्रेम को सुंदर तरीके से और बिना किसी सनसनी फैलाए दिखाया गया था। उन्होंने साफ कहा कि इस फिल्म को बंद करने या शबाना आजमी और नंदिता दास के किस वाले सीन को हटाने का कोई कारण नहीं था। 1998 में मुंबई पुलिस कमिश्नर रॉनी मेंडोंका ने आशा पारेख से अनुरोध किया कि महाराष्ट्र पुलिस को फिल्म को CBFC प्रमाणपत्र जारी करने से पहले प्री-स्क्रीनिंग की अनुमति दें। पारेख ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया और मुकेश व महेश भट्ट की जख्म को सीनियर पुलिस अधिकारियों से क्लियर कराने को कहा। आशा पारेख के इस फैसले से मुकेश और महेश भट्ट खुश नहीं थे। महेश भट्ट ने फिल्म को लेकर आशा पारेख को धमकी दी थी और कहा था कि अगर वे फिल्म को पास नहीं करेंगी, तो वह दिल्ली जाकर फिल्म को पास करवा लेंगे। हालांकि फिल्म को मामूली कट्स के बाद रिलीज किया गया। साल 2016 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया था कि एक्ट्रेस आशा पारेख ने पद्म भूषण के लिए लॉबिंग की थी। एक प्रोग्राम में गडकरी ने कहा था कि पद्म पुरस्कारों के लिए जिस तरह से दौड़ लगाई जाती है, वो सही नहीं है। गडकरी ने कहा था, ''मेरे घर आशा जी पुरस्कार के लिए सिफारिश करने पहुंचीं थीं। बिल्डिंग की लिफ्ट खराब थी, लेकिन इसके बाद भी आशा 12 मंजिल चढ़कर पद्म भूषण मांगने के लिए आई थीं। उन्होंने कहा था कि मुझे पद्म श्री मिला है, लेकिन फिल्मों में मेरे योगदान को देखते हुए पद्म भूषण सम्मान दिया जाना चाहिए।'' हालांकि, आशा पारेख ने कहा था कि उन्होंने कभी भी इस पुरस्कार के लिए लॉबिंग नहीं की और इस मामले पर और कुछ नहीं बताया। अपनी आत्मकथा 'द हिट गर्ल' में, जो एक साल बाद प्रकाशित हुई, आशा पारेख ने कहा था कि मंत्री से मिलना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि मंत्री के इस दावे से उन्हें चोट लगी और उन्होंने इस घटना का अलग विवरण साझा किया। आशा पारेख के साथ शूटिंग के लिए प्याज खाकर जाते थे धर्मेंद्र धर्मेंद्र ने रियलिटी शो सुपरस्टार सिंगर में बताया था कि फिल्म आए दिन बहार के की शूटिंग के दौरान वे आशा पारेख के साथ काम कर रहे थे। शूटिंग खत्म होने के बाद धर्मेंद्र डायरेक्टर और अन्य क्रू मेंबर्स के साथ देर रात तक शराब पीते थे। सुबह जब शूटिंग शुरू होती, तो उनके मुंह से शराब की बू आती थी। इसे छिपाने के लिए वे प्याज खा लिया करते थे। धर्मेंद्र ने कहा था, “एक बार आशा पारेख ने मुझसे शिकायत की कि मेरे मुंह से शराब की बू आ रही है। मैंने उन्हें पूरी सच्चाई बताई। इसके बाद आशा जी ने मुझे शराब छोड़ने की सलाह दी और हम अच्छे दोस्त बन गए।” वहीं, टीवी शो पर उसी फिल्म को लेकर आशा पारेख ने भी किस्सा शेयर किया था। उन्होंने कहा था, “दार्जिलिंग में फिल्म का एक सीन पानी में शूट हो रहा था। ठंड बहुत थी और जैसे ही धर्मेंद्र बाहर निकलते, लोग उन्हें ब्रांडी ऑफर करते, लेकिन वे मेरी तरफ देखते और ब्रांडी नहीं पीते थे। मैंने उनसे कहा था कि अगर वे शराब पिएंगे तो मैं सेट पर नहीं आऊंगी। मेरे सम्मान के लिए उन्होंने शराब नहीं पी।” --------------------- ये खबर भी पढ़ें... चंकी पांडे @63, दसवीं फेल एक्टर:जिसने अक्षय कुमार को एक्टिंग सिखाई, सलमान-आमिर और शाहरुख की वजह से छोड़ा बॉलीवुड, बने बांग्लादेश के सुपरस्टार सुयश पांडे से चंकी पांडे बनने तक का सफर बेहद दिलचस्प और उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। चंकी पांडे का जन्म 26 सितंबर 1962 को मुंबई में हुआ था। पूरी खबर यहां पढ़ें...