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    48 घंटे से बना हुआ है बुखार तो न करें नजरअंदाज, दिल्ली में तेजी से फैल रहा यह वायरस

    3 days ago

    मौसम में बदलाव के साथ ही दिल्ली-एनसीआर रीजन में तमाम तरह की बीमारियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इन्हीं में से एक है H3N2 फ्लू, जो काफी तेजी के साथ फैल रहा है. इसमें लोगों को बुखार, खांसी और सर्दी जैसी दिक्कत हो रही है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इसको नॉर्मल फ्लू समझने की भूल न की जाए, यह उससे ज्यादा खतरनाक हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कि क्यों 48 घंटे से ज्यादा बुखार को नजरअंदाज करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

    पहले जान लीजिए H3N2 फ्लू के बारे में

    यह एक तरह का वायरस है, जो इस समय पूरे दिल्ली-एनसीआर रीजन में तेजी के साथ फैल रहा है. इससे सांस की बीमारी हो रही है. नॉर्मल खांसी-जुकाम से यह काफी खतरनाक है और अगर ज्यादा समय तक आप इसकी चपेट में रहते हैं, तो इससे आपकी स्थिति काफी खराब हो सकती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह काफी तेजी के साथ और जल्दी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है. अगर बात करें कि यह कैसे फैलता है, तो संक्रमित इंसान अगर छींकता या खांसता है, तो यह हवा में फैल जाता है. उसके बाद अगर आप संक्रमित जगह को छूकर अपने चेहरे को छूते हैं, तो इससे आपके शरीर में वायरस फैल जाता है. इसके साथ ही पब्लिक प्लेस में इससे होने के चांस काफी ज्यादा रहते हैं. हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप एसी वाले कमरे में हैं, तो भी आप इससे सुरक्षित नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर रीजन में कम से कम 69 प्रतिशत परिवारों में एक सदस्य इससे प्रभावित है.

    क्या हैं इसके लक्षण?

    इसके जो लक्षण हैं, उनमें अचानक बुखार और ठंड लगने लगती है. इसके साथ ही गले में खराश और लगातार खांसी की समस्या बनी रहती है, नाक बहने की समस्या बनी रहती है. इनके अलावा मसल्स पेन, सिरदर्द के साथ थकान की दिक्कत होती है. अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, सीने में दर्द हो, बहुत कमजोरी, उलझन या फिर भ्रम जैसी स्थिति बन रही हो, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

    एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

    Apollo Hospital Delhi के Senior Consultant, Dr. Nikhil Modi ने अपने वीडियो में बताया कि यह एक तरह का वायरस है, जो सांस के रास्ते में आता है. इसमें गले की दिक्कत, जुकाम, बुखार, सीने में जकड़न और खांसी और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. कुछ मामलों में ऑक्सीजन लेवल में भी गिरावट दर्ज की गई है. बच्चों, बुजुर्गों और सांस की दिक्कत से परेशान लोगों को इससे बचाव करने की ज्यादा जरूरत है.

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    Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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